यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफोएर्नया, सेन फ्रांसिस्को के यूरोलोजी विभाग के अनुसार किडनी स्टोन बनने में जिंक स्तर अहम भबिमका निभाता है। जिंक से ही स्टोन बनना शुरू होता है। यह बहुत छोटा व हार्ड होता है, पर इसका गलियारा (पैसेज) इससे भी छोटा होने से असहनीय दद¸ होता है और इमरजेंसी सज¸री करवाना पड़ती है। किडनी स्टोन बनने के अन्य कारण हैं- कम पानी पीना, बहुत कम या बहुत ज्यादा कसरत करना, मोटापा, वजन घटाने वाली सज¸री, अत्यधिक नमक व शक्कर युक्त खाद्य पदार्थो का ज्यादा सेवन। इन्फे§क्शन से भी किडनी स्टोन बनता है तो यह वंशानुगत रोग भी है। जिन लोगों को एक बार किडनी स्टोन बन जाता है, उनमें से आधों को दूसरी बार स्टोन बनने का खतरा है। विडम्बना यह है कि विगत 25 वर्षो में इसके उपचार की कोई नई दवा की खोज नहीं हुई है।
दोस्तों आज मैं आपके सामने ओशो (Osho) के द्वारा बताई गई सर्वप्रसिद विधि (Meditation) अग्निशिखा (Agnishikha) Share कर रहा हु आशा करता हु आपको पसंद आएगी. अच्छा हो कि शाम के समय अग्निशिखा ध्यान किया जाए। और यदि मौसम गर्म हो तो कपड़े उतारकर। इस ध्यान-विधि में पांच-पांच मिनट के तीन चरण हैं। पहला चरण कल्पना करें कि आपके हाथ में एक ऊर्जा का गोला है—गेंद है। थोड़ी देर में यह गोला कल्पना से यथार्थ सा हो जाएगा। वह आपके हाथ पर भारी हो जाएगा। दूसरा चरण ऊर्जा की इस गेंद के साथ खेलना शुरू करें। इसके वजन को, इसके द्रव्यमान को अनुभव करें। जैसे-जैसे यह ठोस होता जाए, इसे एक हाथ से दूसरे हाथ में फेंकना शुरू करें। ओशो की एक अन्य विधि पढने के लिए यहाँ पर क्लिक करें - सक्रिय ध्यान विधि : ओशो Osho Active Meditation यदि आप दक्षिणहस्तिक हैं तो दाएं हाथ से शुरू करें और बाएं हाथ से अंत; और यदि वामहस्तिक हैं तो यह प्रक्रिया उलटी होगी। गेंद को हवा में उछालें, अपने चारों ओर उछालें, अपने पैरों के बीच से उछालें-लेकिन ध्यान रखें कि गेंद जमीन पर न गिरे। अन्यथा खेल फिर से शुरू करना पड़ेगा। इस चरण के अंत में गें...